🌙SAHIH DEEN صحيح دين🌙
तलाक़ और इद्दत
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🔺ज़िहार की परिभाषा🔺
शरीअत के हिसाब से ज़िहार का मतलब समझने के लिए, ये देखना ज़रूरी है की कौनसी औरते हमेशा के लिए मर्दो पर हराम है, जैसे माँ, बेहेन, बेटी और इस दर्जे की औरते. हालांकि उनको देखना जाइज़ है, मगर उनके जिस्म के कुछ हिस्से को देखना हराम है (जैसे उनके पेट और पीठ का हिस्सा वगैरा.) ज़िहार का मतलब है 'अपनी बीवी को हराम औरतो के जिस्म के उस हराम हिस्से से तुलना करना.'
मसला:
अगर औरत ज़िहार वाले अलफ़ाज़ अपने शोहर को कहे तो कोई मसला नहीं.
(जोहरा, बहार)
मसला:
अगर बीवी को 'माँ', 'बेहेन' या 'बेटी' केहड़े तो ये ज़िहार नहीं मगर ये ना पसंदीदा बात है.
(हिंदिया, बहार)
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