Friday, December 16, 2016

Divorce and Waiting Period

🌙SAHIH DEEN صحيح دين🌙

तलाक़ और इद्दत
Post 047

📛ज़िहार: अपनी बीवी का अपनी माँ के साथ तुलना करना - 02📛

ज़िया-उल-उम्मह, हज़रत अल्लामा पीर मुहम्मद करम शाह अजहरी लिखते है:

'ये इस्लाम के आने के पहले के अरबी रिवाज के बारे में है जिसमे शोहर 'अंती अलैका क-ज़हरी उम्मी' - 'तुम मेरे लिए (उतनी हराम) मेरे माँ की पीठ के बराबर हो.' यह अलफ़ाज़ निकाह तोड़ देता है और न रुजू करने वाला तलाक़ लागू हो जाता है और फिर वो औरत हमेशा के लिए उसके लिए हराम हो जाती. ये रिवाज को ज़िहार कहते है.


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🌙SAHIH DEEN صحيح دين🌙
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