🌙SAHIH DEEN صحيح دين🌙
तलाक़ और इद्दत
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✅खुला - व्याख्या और आदेश - 04✅
मसला:
एक बार खुला होने के बाद निकाह के बाद जो भी हक़्क़ दिए जाते है वो सब खारिज हो जाते है. वो हक़्क़ जो निकाह के बाहर है जैसे बीवी को इद्दत के वक़्त घरखर्च देना वो ख़ारिज नहीं होते. फिर भी, अगर वो खुला की एक शर्त में से है तो वो भी ख़ारिज हो सकती है. इसी तरह, बच्चो की देखभाल और ढूढ़ पिलाने वाली को पैसा देना खारिज नहीं होता जब तक ये पहले तय न हो. अगर बच्चे की मौत दूध पिलाने के वक़्त से पहले हॉप जाए तो शोहर दूध पिलाने के बाकी के पैसे मांग सकता है. अगर सौदा ये कहता है की बीवी अपने पैसो से 10 साल तक बच्चो की परवरिस करेगी तो वो अपने शोहर से कपडे के लिए पैसा मांग सकती है. अगर सौदा ये कहता है की बीवी अपने पैसो से खाने और कपादे के खर्चे उठाएगी तो वो अपने शोहर से इसका मुआवज़ा नहीं मांग सकती. अगर औरत अपने बच्चे को चोर्ड देती है तो शोहर बच्चे के खर्चे की मांग कर सकता है. एक संजोता कर सकते है की बालिग़ होने तक बच्चा माँ के पास रहेगा और ये सिर्फ लड़कियों के लिए और लड़को के लिए नहीं.
(हिंदिया, बहार)
मसला:
अगर कोई औरत तलाक़शुदा है और फिरसे उसका निकाह होता है और फिर खुला होता है तो जो मैहर दी गयी थी उसके बदले दूसरी मैहर रद्द हो जायेगी मगर पहली नहीं.
(जोहरा, बहार)
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