🌙SAHIH DEEN🌙
❄मुहर्रम और इमाम हुसैन की विशेषता❄
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✌🏻दो रकात नमाज़✌🏻
मुहर्रम के पहले दिन २ रकात नमाज़ इस तरीके से अदा करे: सूरह फातिहा के बाद ३ मर्तबा सूरह इखलास पढ़े. नमाज़ पढ़ने के बाद यह दुआ पढ़े:
اَللّهُمَّ اَنْتَ الاِْلهُ الْقَديمُ وَهذِهِ سَنَةٌ جَديدَةُ فَاَسْئَلُكَ فيهَاالْعِصْمَةَ مِنَالشَّيْطانِ وَالْقُوَّةَ عَلى هذِهِ النَّفْسِ الاْمّارَةِ بِالسّوَّءِ وَالاِْشْتِغالَ بِما يُقَرِّبُنى اِلَيْكَ [ياكَريمُ] يا ذَاالْجَلالِ وَالاِْكْرامِ يا عِمادَ مَنْ لا عِمادَ لَهُ يا ذَخيرَةَ مَنْ لا ذَخيرَةَ لَهُ يا حِرْزَ مَنْ لا حِرْزَ لَهُ يا غِياثَ مَنْ لا غِياثَ لَهُ يا سَنَدَ مَنْ لا سَنَدَ لَهُ يا كَنْزَ مَنْ لا كَنْزَ لَهُ يا حَسَنَ الْبَلاَّءِ ي ا عَظيمَ الرَّج اَّءِ ي ا عِزَّ الضُّعَف آءِ ي ا مُنْقِذَ الْغَرْقى يا مُنْجِىَ الْهَلْكى يا مُنْعِمُ يا مُجْمِلُ يا مُفْضِلُ يا مُحْسِنُ اَنْتَ الَّذى سَجَدَ لَكَ سَوادُ اللَّيْلِ وَنُورُ النَّهارِ وَضَوْءُ الْقَمَرِ وَشُعاعُ الشَّمْسِ وَدَوِىُّ الْمآءِ وَحَفيفُ الشَّجَرِ يا اَللّهُ لا شَريكَ لَكَ اَللّهُمَّ اجْعَلْنا خَيْراً مِمّا يَظُنُّونَ وَاغْفِرْ لَنا ما لا يَعْلَمُونَ وَلا تُؤ اخِذْنا بِما يَقُولُونَ حَسْبِىَ اللّهُ لا اِلهَ اِلاّ هُوَ عَلَيْهِ تَوَكَّلْتُ وَهُوَ رَبُّ الْعَرْشِ الْعَظيمِ امَنّا بِهِ كُلُّ مِنْ عِنْدِ رَبِّنا وَما يَذَّكَّرُ اِلاّ اُولُوا الاْلْبابِ رَبَّنا لاتُزِغْ قُلُوبَنا بَعْدَ اِذْ هَدَيْتَنا وَهَبْ لَنا مِنْ لَدُنْكَ رَحْمَةً اِنَّكَ اَنْتَ الْوَهّابُ
अल्लाहुम्मा अन्तल इलाहूल क़दीम व हादीहि सनातून जादीडातुन फ-अस-अलुक फीहल इस'मता मिनश शैतान वल क़ुव्वत अ'ला हादिहीन नफ्सिल अम्मअराति बिस सोऊ-ई वल इष्टिगहल बीमा युकररीबूनी इलेक या करीम या द'अल जलाली वल इकराम या ई'मादा मन ला ई'मादा लहू या द'आख़ीरत मन ला द'आख़ीरत लहू या ह'इरजा मन ला ह'इरजा लहू या घीयाथा मन ला घीयाथा लहू या सनद मन ला सनद लहू या कन्ज़ मन ला कन्ज़ लहू या ह'असनल बला-ई या अ'झ'इमर रजा-ई या ई'ज़ाज़ 'झ'उ-अ'फा-ई या मुनाकिद'अल घरका या मुन्जियल हलक या मून-ई'मु या मुजमीलु या मुफजिलु या मुहसिनु अंतअल्लड़'ई सजद लक सेवादल लायलिवा नूरुन नहर व झ-अव-उल क़मर व शु-अ'अ-उ'श शम्स व दवीययूल माँ-ई व हाफीफुश शजर या अल्लाह ला शरीक लक अल्लाहुम्मज-अ'लना खैरन मिम्मा यश'उन्नून वग़फ़िरलाना म'अ ला या'-लामूं व ला तू-आखिंड'ना बीमा यक़ूलुन हैस्बीयल्लाहु ला इलाहा इल्ला हुवे अलैहि तवक्कलतु व हुवा रब्बुल अर्शिल अज़ीम आमन्ना बिही कुल्लून मं इन्दी रब्बिना व माँ यद्'दाखखरू इल्ला उलूल अलबाब रब्बना ला तुज़ीग़ कुलूबना बा'-डा ईद' हदयतना व हब-लना मिल लदुनका रहमह इनका अन्तल वह्हाब..
जवाहिर के लेखक, ऐनी के रिपोर्ट के मुताबिक जो कोई भी शख्स यह नमाज़ के बाद यह दुआ पढता है, तो उसके लिए दो दूत उसकी सुरक्षा के लिए नियुक्त कर दिया जाता हैं और शैतान का उस पर कोई प्रभाव नहीं होगा।
🌹🌹🌹
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👑Admin: 👼🏻Sufyan Dabhad 📱+918460300402
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मुहर्रम के पहले दिन २ रकात नमाज़ इस तरीके से अदा करे: सूरह फातिहा के बाद ३ मर्तबा सूरह इखलास पढ़े. नमाज़ पढ़ने के बाद यह दुआ पढ़े:
اَللّهُمَّ اَنْتَ الاِْلهُ الْقَديمُ وَهذِهِ سَنَةٌ جَديدَةُ فَاَسْئَلُكَ فيهَاالْعِصْمَةَ مِنَالشَّيْطانِ وَالْقُوَّةَ عَلى هذِهِ النَّفْسِ الاْمّارَةِ بِالسّوَّءِ وَالاِْشْتِغالَ بِما يُقَرِّبُنى اِلَيْكَ [ياكَريمُ] يا ذَاالْجَلالِ وَالاِْكْرامِ يا عِمادَ مَنْ لا عِمادَ لَهُ يا ذَخيرَةَ مَنْ لا ذَخيرَةَ لَهُ يا حِرْزَ مَنْ لا حِرْزَ لَهُ يا غِياثَ مَنْ لا غِياثَ لَهُ يا سَنَدَ مَنْ لا سَنَدَ لَهُ يا كَنْزَ مَنْ لا كَنْزَ لَهُ يا حَسَنَ الْبَلاَّءِ ي ا عَظيمَ الرَّج اَّءِ ي ا عِزَّ الضُّعَف آءِ ي ا مُنْقِذَ الْغَرْقى يا مُنْجِىَ الْهَلْكى يا مُنْعِمُ يا مُجْمِلُ يا مُفْضِلُ يا مُحْسِنُ اَنْتَ الَّذى سَجَدَ لَكَ سَوادُ اللَّيْلِ وَنُورُ النَّهارِ وَضَوْءُ الْقَمَرِ وَشُعاعُ الشَّمْسِ وَدَوِىُّ الْمآءِ وَحَفيفُ الشَّجَرِ يا اَللّهُ لا شَريكَ لَكَ اَللّهُمَّ اجْعَلْنا خَيْراً مِمّا يَظُنُّونَ وَاغْفِرْ لَنا ما لا يَعْلَمُونَ وَلا تُؤ اخِذْنا بِما يَقُولُونَ حَسْبِىَ اللّهُ لا اِلهَ اِلاّ هُوَ عَلَيْهِ تَوَكَّلْتُ وَهُوَ رَبُّ الْعَرْشِ الْعَظيمِ امَنّا بِهِ كُلُّ مِنْ عِنْدِ رَبِّنا وَما يَذَّكَّرُ اِلاّ اُولُوا الاْلْبابِ رَبَّنا لاتُزِغْ قُلُوبَنا بَعْدَ اِذْ هَدَيْتَنا وَهَبْ لَنا مِنْ لَدُنْكَ رَحْمَةً اِنَّكَ اَنْتَ الْوَهّابُ
अल्लाहुम्मा अन्तल इलाहूल क़दीम व हादीहि सनातून जादीडातुन फ-अस-अलुक फीहल इस'मता मिनश शैतान वल क़ुव्वत अ'ला हादिहीन नफ्सिल अम्मअराति बिस सोऊ-ई वल इष्टिगहल बीमा युकररीबूनी इलेक या करीम या द'अल जलाली वल इकराम या ई'मादा मन ला ई'मादा लहू या द'आख़ीरत मन ला द'आख़ीरत लहू या ह'इरजा मन ला ह'इरजा लहू या घीयाथा मन ला घीयाथा लहू या सनद मन ला सनद लहू या कन्ज़ मन ला कन्ज़ लहू या ह'असनल बला-ई या अ'झ'इमर रजा-ई या ई'ज़ाज़ 'झ'उ-अ'फा-ई या मुनाकिद'अल घरका या मुन्जियल हलक या मून-ई'मु या मुजमीलु या मुफजिलु या मुहसिनु अंतअल्लड़'ई सजद लक सेवादल लायलिवा नूरुन नहर व झ-अव-उल क़मर व शु-अ'अ-उ'श शम्स व दवीययूल माँ-ई व हाफीफुश शजर या अल्लाह ला शरीक लक अल्लाहुम्मज-अ'लना खैरन मिम्मा यश'उन्नून वग़फ़िरलाना म'अ ला या'-लामूं व ला तू-आखिंड'ना बीमा यक़ूलुन हैस्बीयल्लाहु ला इलाहा इल्ला हुवे अलैहि तवक्कलतु व हुवा रब्बुल अर्शिल अज़ीम आमन्ना बिही कुल्लून मं इन्दी रब्बिना व माँ यद्'दाखखरू इल्ला उलूल अलबाब रब्बना ला तुज़ीग़ कुलूबना बा'-डा ईद' हदयतना व हब-लना मिल लदुनका रहमह इनका अन्तल वह्हाब..
जवाहिर के लेखक, ऐनी के रिपोर्ट के मुताबिक जो कोई भी शख्स यह नमाज़ के बाद यह दुआ पढता है, तो उसके लिए दो दूत उसकी सुरक्षा के लिए नियुक्त कर दिया जाता हैं और शैतान का उस पर कोई प्रभाव नहीं होगा।
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