Wednesday, September 28, 2016

मुहर्रम - मुहर्रम और इमाम हुसैन की विशेषता

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❄मुहर्रम और इमाम हुसैन की विशेषता❄
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💐हजरत इमाम हुसैन (रदी'अल्लाह त'आला अन्हु) की विलादत💐

जैसे ही रसूलअल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम) की भविष्यवाणी में कहा गया है, हजरत इमाम हुसैन (रदीअल्लाह त'आला अन्हु) शाबान-उल-मुअज़्ज़म के महीने में हिजरी 4 में पैदा हुए थे.
उनकी जन्म की सही तारीख के बारे में कुछ मतभेद है, शायद वह 3, 4 या 5 वीं Shabaan थी. रसूलअल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम) इमाम हुसैन के जन्म की खबर सुनने पर बेहद खुश हुए थे. उन्होंने बच्चे को उनकी गोद में लिया और उसके दाहिने कान में अज़ान दी और उसके बाएं कान में इक़ामाह पढ़ा, और उन्होंने बच्चे को अपनी ज़ुबान बाहर निकाल कर दी उसे चूसने के लिए. विलादत के सातवे दिन, उन्हीने २ भेद को ज़बह करके इमाम हुसैन का अक़ीकाह किया.

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⚜उनका मुबारक नाम और परिवार⚜

उनका नाम हुसैन था और उनका कुन्नियत (उपनाम) अबू अब्दुल्ला (अब्दुल्ला के पिता) था. सिब्ते रसूल, रेहान ऐ रसूल, कुर्रत उल ऐन, सईद और तैय्यब नके खिताब थे. उनका परिवार का वंश अली इब्ने अबी तालिब अब्दुल इब्ने मुत्तलिब इब्ने हाशिम इब्ने अब्दुल मुनाफ कुरैशी तक चला जाता है।

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💫मुबारक चेहरा💫

इमाम हुसैन (रदीअल्लाहु त'आला अन्हु) इतने सुंदर थे कि उनके चेहरे का नूर (प्रकाश) से पूरा वातावरण रोशन हो जाता था. उनका मुबारक चेहरा, रसूलअल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम) के चेहरे से अनोखी समानता थी. हजरत अली (रदीअल्लाहो त'आला अन्हु) फारमाते कि इमाम हसन (रदीअल्लाहो त'आला अन्हु) सिर से सीने तक रसूलअल्लाह (सलअल्लाहू अलैहे वसल्लम) से एक जैसे मिलते थे और इमाम हुसैन (रदीअल्लाहो त'आला अन्हु) सीने से पैर तक एक जैसे मिलते थे.

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