Thursday, November 17, 2016

Divorce and Waiting Period

🌙SAHIH DEEN صحيح دين🌙

तलाक़ और इद्दत
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🚯जहालत के दौर में इद्दत - 03🚯

रसूलअल्लाह ने सबको जहालत के दौर की ये प्रथाओ के बारे में याद दिलाया और सबसे कहा, "इद्दत और शोक करने का वक़्त शोहर के इन्तेक़ाल के बाद सिर्फ चार महीना और दस दिन है. इस्लाम ने तुमको सारे अमानवीय प्रथाओ से बचाया है और फिर भी आप सबसे अनुकूल और विचारशील ऐसी बातो को जो इस्लाम सिखाता है उससे भागना चाहते हो?"

ये हदीस हमें बताती है की भले ही औरत को आँखों में दर्द हो फिर भी वो सुरमा नहीं लगा सकती. ये हदीस के रिवायत करने वाले बताते है की वह औरत की आँखों की तकलीफो को बिना सुरमा लगाया ठीक किया जा सकता था मगर उसे सिंगार करने के लिए सुरमा लगाना था इसलिए रसूलअल्लाह ने उसे इज़ाज़त नहीं दी थी और हज़रात उम्मे सलमा (इस हदीस की रिवायत करने वाले) फरमाते है की इद्दत में होने वाली औरत सिर्फ रात को सुरमा लगा सकती है अगर बहुत ज़रुरत है तो.

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