Saturday, November 19, 2016

Divorce and Waiting Period

🌙SAHIH DEEN صحيح دين🌙

तलाक़ और इद्दत
Post 027

💞बेवा औरत का दूसरा निकाह - 02💞

कुछ किस्सो में, इद्दत के बाद औरत पर इस्लाम दूसरा निकाह करना वाजिब कर देता है और अगर दूसरा शोहर के इंतेक़ाल के बाद तीसरा निकाह और तीसरे शोहर के इन्तेक़ाल के बाद चौथा निकाह. रसूलल्लाह ने ये फरमान पर अमल किया और आपकी पाक दामन बीवी उनसे निकाह के पहले या तो बेव थी या उनका तलाक़ हो चूका था. 

आज भी ऐसे कई कबीले है (जो अपने आप को मुस्लिम कहती है) जहा एक बेव के दूसरे निकाह को उसके चरित्र पर धब्बा और गुनाह समझ जाता है और अगर शोहर का इन्तेक़ाल हो जाए तो उसे पूरी ज़िन्दगी अकेले गुज़ारनी पड़ती है. अल्लाह हमें इनसे बचाये! रसूलल्लाह ने किये हुए अमल को चरित्र पे दाग़ और गुनाह समझना ये जाहिलियत और इल्म ए दीन की कमी है. ऐसी सोच वाले का ईमान कमज़ोर है और जो इस सोचता है उन्हें जल्द से जल्द तौबा करनी चाहिए.

इस्लाम ने औरते को अज़ीम इज़्ज़त दी है और उन्हें इज़्ज़त और शान से नवाज़ है. इस्लाम ने औरतो को निराश की खाई से निकल कर ऊंचाई तक लाया है मगर यह शर्म की बात है की औरते अब भी इस्लामी कानून को अनदेखा करती है (जो उनके लिए रहमत है) और जाहिलियत की तरफ भागती है.

🌹🌹🌹
🌙SAHIH DEEN صحيح دين🌙
👑Sufyan 📲+918460300402