🌙SAHIH DEEN صحيح دين🌙
तलाक़ और इद्दत
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🗯कसमे की प्रकार - 01🗯
मसला:
पाक कसमे की दो किसम होती है. पहली कसम वो है जो चार महीने तक जिस्मानी तालुकात से दूर रहे और दूसरी वो है जिसकी कोइसीम नहीं है. दोनों किस्सो में अगर बीवी के साथ जिस्मानी तालुकात हो गए तो कसम टूट जाएंगी और उसका हदया देना जाइज़ हो जाता है चाहे वो अल्लाह के नाम की कसम खाई हो या उसके नामो के ऊपर खायी हो.
अगर कसम कुछ बात पे खायी हो तो वो बात को करना फ़र्ज़ हो जाएंगे जैसे अगर आदमी कहे 'अगर मैंने इससे तालुकात बनाये तो मैं मेरे सब गुलामो को आज़ाद कर दूंगा' तो अगर वो चार महीने के दौरान तालुकात बनाता है, तो उसके गुलाम अब आज़ाद है. अगर चार महीनो के अंदर जिस्मानी तालुकात नहीं बनाता तोह एक न रुजू होने वाली तलाक़ हो जाती है. अगर कसम वक़्त के हिसाब से है (चार महीने) और अगर वो कसम जिस्मानी तालुकात से टूट जाती है तो उससे फिरसे निकाह करने से कसम की प्रभाव को रद्द कर देता है.
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