🌙SAHIH DEEN صحيح دين🌙
तलाक़ और इद्दत
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📑कसम खाने की शर्ते📑
मसला:
नेक होने की कसम खाने के लिए ये ज़रूरी है की इंसान तलाक़ देने के काबिल हो मतलब वो पागल नहीं होना चाहिए, बालिग़ नहीं होना चाहिए क्योंकि बालिग़ को तलाक़ देने का हक़ नहीं है.
(दुर्र ए मुख़्तार, बाहर)
दूसरी शर्त ये है की ये चार महीने से काम नहीं होनी चाहिए और जगह का भी ज़िक्र नहीं होना चाहिए. इसका मॉ५लाब ये की आदमी इस नहीं बोल सकता के 'मैं तेरे सात इस जगह पे जिस्मानी जल्लूकात नहीं रखूंगा.' अगर इस तरह का कोई मसला होता है तोह कसम मान्य नहीं होगी. कसम अपनी बीवी और लौंडी दोनों के साथ नहीं ले सकते क्योंकि इस करने से भी कसम मान्य नहीं होगी.
दूसरी शर्त ये है की कसम के वक़्त की लंबाई को तब्दील नहीं किया जा सकता जैसे ये कहना 'मैं तुझसे चार महीने में एक दिन काम तक ताल्लुकात नहीं रखूंगा' वगैरा.
दूसरी शर्त ये है की नेक होने की कसम के साथ दूसरी कसम नहीं जोड़ सकते जैसे ये कहना की 'मैं तुझसे जिस्मानी ताल्लुकात नहीं रखूंगा और तुझे अपने बिस्तर पर भी नहीं सोने दूंगा.' इस तरह की मिलावट से कसम की मान्यता रद्द होती है.
(खानिया, दुर्र ए मुख़्तार, रद्द उल मुख़्तार वगैरा)
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