Tuesday, November 1, 2016

Divorce and Waiting Period

🌙SAHIH DEEN صحيح دين🌙

तलाक़ और इद्दत
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😈शैतान की ख़ुशी😈

हज़रत जाबिर फरमाते है की रसूलअल्लाह ने कहा, "शैतान पानी पर अपना ताकत लोग कर बैठता है (रोज़ सुबह वो पानी पर अपना तख़्त लगा कर अपना रेजिस्टर खोल कर अपने अनुयायी को दिन भर का काम देता है). फिर वो उसका एक काफिला लोगो में इस भेजता है की वो लोगो के बीच जाकर उनमे झगडे फसाद डाले. शाम को उसके अनुयायी आकर शैतान को दिन का हिसाब देते है. सब अपने दिन भर के काम को को बयान करते है जहा उनमे से एक कहता है, 'मैंने फला इंसान को अकेला नहीं छोड़ा जब तक मैंने उसे और उसकी बीवी के बीच फसाद और असहमति न दाल दू.' ये सुनने पर शापित शैतान ख़ुशी से झूम उठता है और अपने अनुयायी को गले लगता है और कहता है, ' तुमने सच में बहुत उम्दा काम किया.'"
(मुस्लिम शरीफ)

अगर ये झगड़ा तलाक़ को अंजाम देता है तो बुरा है पर अगर ये झगड़ा बिना तलाक़ के अलग करता है तो बहुत बदतर है क्योंकि आगे चल कर ये बात उन दोनों को और गुनाह और नाफ़र्मानी करने का रास्ता देगी. और नही तो, शैतान अपने वो अनुयायी से बहुत खुस होता है जो एक शोहर और उसकी बीवी के बीच फसाद डालता है. आपने कभी सोचा है की इस क्यों? क्योंकि इसने 'एक पत्थर से बहुत पक्षियों को मार गिराया है.' उसने वह रिश्ता तोडा जको शरीअत ने जोड़ा था, उसने मर्द और औरत को गुनाह करने की तरफ मायिल किया, दो परिवारों की ज़िन्दगी बर्बाद हुई और वे अब दुश्मन बन बैठे है और उनके बच्चे का न सिर्फ भविष्य हुआ बल्कि वे अब ज्यादा मस्तीखोर और परेशानी बन जाते है. जितना आप इसके बारे में सोचते हो उतना आपको शैतान की ख़ुशी के बारे में मालूम होता जाएगा.

अगर एक मिया बीवी बहस करते है, अगर ये रोज़ भी है तो कोई बड़ी बात नहीं क्योंकि ये इंसानो का शवभाव है और हर वक़्त होता रहता है मगर जैसे ही बहस करते हुए तलाक़ का ख्याल दिमाग में घस्त है, तभी सोच लो की इसमें शैतान अब शरीक हुआ है. शैतान कामयाब हो इससे पहले, उसपे लानत भेज दो (ला हवाला वाला कुव्वता इल्ला बिल्ला हिल अलि-इल अज़ीम) और तुरंत ही बहस को ख़त्म करदो और अपनी और अपने बच्चो के भविष्य को बर्बाद होने से बचा लो.

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