Saturday, November 12, 2016

Divorce and Waiting Period

🌙SAHIH DEEN صحيح دين🌙

तलाक़ और इद्दत
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🗂इद्दत में शोक करना ज़रूरी - 02🗂

मगर, जो औरत बेवा है और आमदनी का कोई जरिया नहीं है तो उसे बाहर जाकर पैसे कमाने की इज़ाज़त है मगर उसे शाम होने से पहले अपने शोहर के घर लौटना ज़रूरी है. लोगो में ये ग़लतफहमी है की इद्दत के दरमियान औरत को घर के एक कोने में ही रहना चाहिए. ऐसी कोई ज़रूरियात नहीं है और वो इद्दत के दरमियान अपने घर में कही भी घूम सकती है. और तो और, ये सही नहीं होगा उन औरतो के लिए जिन्हें एक या दो तलाक़ मिली हो की वो घर छोड़ दे. उन्हें अपनी इद्दत अपने शोहर के घर में गुज़ारनी चाहिए.

घर पे रहने के साथ साथ, इद्दत में रहने वाली औरतो पे शोक करने का हुक्म है. शोक करने का मतलब वे अपने आप को कपडे या गहने से सजाये नहीं और शोक करने का खुलासा ऊपर की हदीस से है जहा शोक करने का उन औरतो पर हुक्म है जिनके शोहर का इन्तेक़ाल हो गया है, जिन औरतो की तलाक़ हुई हो उन्हें भी शोक करने का हुक्म है.

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