Monday, October 17, 2016

मुहर्रम - मुहर्रम और इमाम हुसैन की विशेषता

🌙SAHIH DEEN صحيح دين🌙

❄मुहर्रम और इमाम हुसैन की विशेषता❄
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🌱हजरत अली असगर और अकल्पनीय जुल्म🌱

इमाम हुसैन (रदी'अल्लाहो त'आला अन्हु) के सबसे छोटे बेटे, हज़रत अली असगर (रदी'अल्लाहो त'आला अन्हु) तो अभी मासूम थे; आप प्यास से तड़प रहे थे और यज़ीद के लोगों के लिए चरम यातना का विषय था जिन्हों ने 7वि मुहर्रम से पानी पे पहरा लगा दिया था. माँ के सीने से दूध भी सूख गया था और कम में पानी का एक कतरा भी कही मोजूद नहीं था. हज़रत अली असगर थोड़ी थोड़ी देर में बेहोश हो जाते थे, और जैसे ही होश आ जाता वेसे अपनी माँ को देखते हुए प्यास से अपनी ज़ुबान बाहर निकालते. जब आपकी माँ से आपकी इस हालात को देखा नहीं गया, तोह इन्हें इमाम हुसैन के पास लाई और गिड़गिड़ाने लगी, 'इन्हें बाहर ले जाइयॆ, शायद दुश्मन इस 6 महीने के बच्चे के ऊपर रहम कर दे और इसे पानी के कुछ कतरे दे क्योंकि यह बच्चा उनके सामने मुक़ाबला करने के लिए खड़ा नहीं होने वाला.'

इमाम हुसैन (रदी'अल्लाहो त'आला अन्हु) बच्चे को लेकर दुश्मनो की तरफ चलने लगे और कहा, 'मेरे नाना का कालिमा पढ़ने वाले लोगो, तुमने अपनी लालच और गुस्से के लिए मेरा पूरा परिवार तबाह कर दिया है. मगर इस छोटे बच्चे ने तुम्हारा कुछ नहीं बिगाड़ा है. तुम्हारे दिल में थोड़ी सी भी रहम हो, तो इसे दो कतरे पानी के देदो.' मगर ये पथ्थर दिल मनहूस इंसान को बिलकुल भी फ़र्क़ नहीं पढ़ने वाला था. इससे बदतर, इनमे से एक ने बच्चे के सूखे गले को तीर से निशाना बनाया जो नन्हे अली असगर के गले को चीरती हुई इमाम हुसैन के कंधो में जा रुकी. खून की एक धार निकल आई जब गले से तीर को निकल गया और वह प्यासे बच्चे ने अपने वालिद के हाथो में दम तोड़ दिया.'
(इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलैहि राजिऊन)

जब इमाम हुसैन खेमे की और चल रहे थे, तोह माँ ने सोचा की अली असगर को पानी दिया गया क्योंकि आप रो नहीं रहे थे. जब आपने इमाम हुसैन से पूछा तो आपने जवाब दिया, 'उन्हें इस दुनिया का पानी नहीं मिला मगर बेशक वह अपने नाना रसूलअल्लाह (सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम) के मुबारक हाथो से जाम ए कौसर पी रहा है. अल्लाह ने इस छोटी सी क़ुरबानी भी कुबुल कर ली.

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