🌙SAHIH DEEN صحيح دين🌙
तलाक़ और इद्दत
Post 002
1⃣ 👌🏻*श्रेष्ठ तलाक़ (एहसान - अहसान)*👌🏻
उन दिनों जब औरत पाक न हो (हैज़ वाले दिन) और उसके साथ शारीरिक रिश्ते न हो, तब एक तलाक़ देनी चाहिए. रुकने का वक़्त (इद्दत) अब शुरू होता है. आदमी के पास औरत को इस दौरान अपने निकाह में वापिस लेने का अधिकार है लेकिन अगर इद्दत का वक़्त ख़तम हो गया तो यह मुमकिन नहीं. फिर भी, अगर आदमी और औरत समाधान करते है तो दोनों फिरसे निकाह कर सकते है जिसके बाद सिर्फ एक या दो तलाक़ बाकी रहेगी (तीन नहीं).
2⃣ 👍🏻Good (Hasan) Divorce👍🏻
उन दिनों जब औरत पाक न हो (हैज़ वाले दिन) और उसके साथ शारीरिक रिश्ते न हो, तब एक तलाक़ देनी चाहिए. एक हैज़ के गुजरने के बाद शारीरिक रिश्ते से परहेज़ करके दूसरी तलाक़ देनी चाहिए. दूसरा हैज़ के गुजरने के बाद शारीरिक रिश्ते से परहेज़ करके फिर तीसरी तलाक़ देनी चाहिए. तीसरी तलाक़ के बाद औरत उसके शोहर के लिए अब हराम हो गयी और वो दोनों अब बिना हलालाके फिरसे निकाह नहीं करे सकते.
3⃣ 👎🏻निन्दा वाला (मुग़ल्लाज़ह)👎🏻
इसमें तीन प्रकार के तलाक़ है:
⏯ 1. एक ही बार में तीन तलाक़ कही भले वह इस कहे की मैं 'तुझे तीन बार तलाक़ देता हु' या तीन बार इस कहे की 'मैं तुझे तलाक़ देता हु'.
⏯ 2. औरत के हैज़ वाले दिनों में एक तलाक़ देना: इस तलाक़ के बाद समाधान करना (रुजू) करना अनिवार्य (वाजिब) है मगर एक तलाक़ गिनी जायेगी.
⏯ 3. उन दिनों तलाक़ देना जब शारीरिक रिश्ता बंधा हो.
▶जो शख्स निंदा वाला तलाक़ देता है चाहे कितना भी बड़ा मसला हो और ये सोचे बिना की इसका क्या अंजाम होगा फिर भी वह गुनहगार है क्योंकि ये एक गुनाह है. अगर 'तलाक' का शब्द का इस्तेमाल करके एक या दो तलाक़ दिए जाते है तो इसे पलटा सकते है (तलाक रजई). अगर तलाक इशारा या निहित है, लेकिन शब्द 'तलाक' का उपयोग नहीं किया गया है तो इसे नहीं पलटा सकते है (तलाक़ बाइन). मिसाल के तौर पे, तलाक के इरादे से एक आदमी अपनी पत्नी से कहता है, 'तुम मेरी माँ के जैसी हो.' यह मुमकिन है कि पलटा सकने वाला तलाक के लिए समाधान किया जाए, लेकिन मूल तलाक अभी भी गिना जाएगा.
⏩एक गैर-प्रतिवर्ती तलाक तुरंत शादी समाप्त कर देता है। हालांकि, कम से कम तीन गैर-प्रतिवर्ती तलाक दिया गया हो तो जब तक दोनों तरफ से समजोता हो जाए, तो वे फिरसे निकाह कर सकते हैं लेकिन मूल तलाक की अभी भी गिनती होगी।
🌹🌹🌹
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तलाक़ और इद्दत
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1⃣ 👌🏻*श्रेष्ठ तलाक़ (एहसान - अहसान)*👌🏻
उन दिनों जब औरत पाक न हो (हैज़ वाले दिन) और उसके साथ शारीरिक रिश्ते न हो, तब एक तलाक़ देनी चाहिए. रुकने का वक़्त (इद्दत) अब शुरू होता है. आदमी के पास औरत को इस दौरान अपने निकाह में वापिस लेने का अधिकार है लेकिन अगर इद्दत का वक़्त ख़तम हो गया तो यह मुमकिन नहीं. फिर भी, अगर आदमी और औरत समाधान करते है तो दोनों फिरसे निकाह कर सकते है जिसके बाद सिर्फ एक या दो तलाक़ बाकी रहेगी (तीन नहीं).
2⃣ 👍🏻Good (Hasan) Divorce👍🏻
उन दिनों जब औरत पाक न हो (हैज़ वाले दिन) और उसके साथ शारीरिक रिश्ते न हो, तब एक तलाक़ देनी चाहिए. एक हैज़ के गुजरने के बाद शारीरिक रिश्ते से परहेज़ करके दूसरी तलाक़ देनी चाहिए. दूसरा हैज़ के गुजरने के बाद शारीरिक रिश्ते से परहेज़ करके फिर तीसरी तलाक़ देनी चाहिए. तीसरी तलाक़ के बाद औरत उसके शोहर के लिए अब हराम हो गयी और वो दोनों अब बिना हलालाके फिरसे निकाह नहीं करे सकते.
3⃣ 👎🏻निन्दा वाला (मुग़ल्लाज़ह)👎🏻
इसमें तीन प्रकार के तलाक़ है:
⏯ 1. एक ही बार में तीन तलाक़ कही भले वह इस कहे की मैं 'तुझे तीन बार तलाक़ देता हु' या तीन बार इस कहे की 'मैं तुझे तलाक़ देता हु'.
⏯ 2. औरत के हैज़ वाले दिनों में एक तलाक़ देना: इस तलाक़ के बाद समाधान करना (रुजू) करना अनिवार्य (वाजिब) है मगर एक तलाक़ गिनी जायेगी.
⏯ 3. उन दिनों तलाक़ देना जब शारीरिक रिश्ता बंधा हो.
▶जो शख्स निंदा वाला तलाक़ देता है चाहे कितना भी बड़ा मसला हो और ये सोचे बिना की इसका क्या अंजाम होगा फिर भी वह गुनहगार है क्योंकि ये एक गुनाह है. अगर 'तलाक' का शब्द का इस्तेमाल करके एक या दो तलाक़ दिए जाते है तो इसे पलटा सकते है (तलाक रजई). अगर तलाक इशारा या निहित है, लेकिन शब्द 'तलाक' का उपयोग नहीं किया गया है तो इसे नहीं पलटा सकते है (तलाक़ बाइन). मिसाल के तौर पे, तलाक के इरादे से एक आदमी अपनी पत्नी से कहता है, 'तुम मेरी माँ के जैसी हो.' यह मुमकिन है कि पलटा सकने वाला तलाक के लिए समाधान किया जाए, लेकिन मूल तलाक अभी भी गिना जाएगा.
⏩एक गैर-प्रतिवर्ती तलाक तुरंत शादी समाप्त कर देता है। हालांकि, कम से कम तीन गैर-प्रतिवर्ती तलाक दिया गया हो तो जब तक दोनों तरफ से समजोता हो जाए, तो वे फिरसे निकाह कर सकते हैं लेकिन मूल तलाक की अभी भी गिनती होगी।
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