Tuesday, October 25, 2016

मुहर्रम - मुहर्रम और इमाम हुसैन की विशेषता

🌙SAHIH DEEN صحيح دين🌙

❄मुहर्रम और इमाम हुसैन की विशेषता❄
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🔥इमाम हुसैन (रदी'अल्लाहो त'आला अन्हु) के हत्यारो पर अल्लाह की नाराज़गी - 01🔥

हज़रत अबु शैख़ रिवायत करते है की एक मजमे में लोग ये बातें कर रहे थे की जो भी इमाम हुसैन की हत्या करने में शामिल हुआ था वो सब अल्लाह के गुस्से का हक़दार हुए. एक ज़ईफ़ आदमी खड़ा हुआ और बोला, 'मैंने भी उनकी हत्या में साथ दिया था मगर देखो मुझे कुछ नहीं हुआ.' बस उसके थोड़ी देर बाद वो एक दिया जलने उठा जिसमे आग ने उसको पकड़ लिया और वो जल के राख हो गया. इस ही एक किस्सा इमाम साद ने भी बयान किया.
[तारीख ए कर्बला]

सब्त बिन जाऊज़ि, वक़दि की प्रमाण पर रिवायत करते है की एक बूढा आदमी जो इमाम हुसैन (रदी'अल्लाहो त'आला अन्हु) की हत्या में शामिल था वह अँधा हो गया था. जब लोगो ने पूछा की कैसे अँधा हुआ, तो उसने बताया, "मैंने रसूलल्लाह (सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम) को अपने सपने में देखा. उनके हाथ में खून से रंगी हुई तलवार थी और इमाम हुसैन के हत्यारे में से कुछ ज़मीन पर मुर्दा पड़े थे. जब आपने मुझे देखा, तो बद्दुआ दी और  खून से रंगी हुई एक लकड़ी में आँखों में मसल दी. उस दिन से मैं अँधा हू.
[ईएद्धआ]

अल्लामा इब्ने हाजर मक्की लिखते है की यज़ीद के लश्कर का एक सिपाही जिसने इमाम हुसैन (रदी'अल्लाहो त'आला अन्हु) का सर ए मुबारक अपने घोड़े पे लटकाया था बहुत ही काला और बदसूरत हो गया. लोगो ने पूछा, 'तू तो बहुत ही गोरा और खूबसूरत था. तू कैसे इस हो गया?'उसने जवाब दिया, 'कर्बला के वाक़ये के बाद, रोज़ रात को दो लोग मेरे घर में दाखिल होते थे और मुझे एक ऐसी जगह ले जाते थे जहा आग जलती रहती थी. वो मुझे आग मए लटकाते थे और फिर बाहर निकालते थे. इसकी वजह से मैं इस दिखने लगा हू.' वक़्त गुजरने के बाद वह भी एक बुरी मौत से मरा.

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